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जीनगर समाज की जड़ों से जुड़े रहने की सामूहिक कोशिश

जीनगर समाज की जड़ों से जुड़े रहने की सामूहिक कोशिश 

जीनगर समाज जो मूल रूप से राजस्थान का है। संतनगर में रहने वाले इस समाज के लोगों ने खुद को सामाजिक सरोकार से जोड़ा है।.

जीनगर समाज की जड़ों से जुड़े रहने की सामूहिक कोशिश
जीनगर समाज जो मूल रूप से राजस्थान का है। संतनगर में रहने वाले इस समाज के लोगों ने खुद को सामाजिक सरोकार से जोड़ा है। समाज का हर पर्व यह सामूहिक रूप से मनाता है। विशिष्टजनों का सम्मान और समाज के बच्चों को प्रोत्साहित कर रहा है, जरूरतमंदों की सेवा कर लोगों की मदद के लिए भी समाज सक्रिय है। 

जीनगर के लोग मूल से रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं जो रोजी रोटी की तलाश में देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंच गए हैं। राजधानी और संतनगर में करीब 1500 परिवार रह रहे हैं। राजधानी में रहने वाले जीनगर समाज के लोग एकजुटता की मिसाल हैं। उपनगर में भगवान श्री रामदेवजी महाराज का मंदिर बनाया है, जो आरा मशीन रोड पर हैं इसके साथ ही महामायी माता का मंदिर भी न्यू सब्जी मंडी के पास बनाया है। जिनमें आराध्य की पूजा के साथ समाज के आयोजन भी होते हैं। 

हर त्योहार एक साथ 

जीनगर समाज राजस्थान का गणगौर पर्व, तीजमाता व्रत, दशामाता व्रत, श्री रामदेवजी महाराज जन्मोत्सव, करवा चौथ, शीतला सप्तमी एक साथ मनाते हैं। इन आयोजनों का संचालन करने के लिए समाज ने एक कार्यसमिति बनाई है, जिसके पदाधिकारियों का कहना है एक साथ तीज-त्योहार मनाने से सामाजिक एकता और आपस में संवाद की स्थिति बनी रहती है। हर पर्व का परंपरागत और उत्सवी तरीके से मनाया जाता है। पर्व मनाने के साथ हम अपने बुजुर्गों की संस्कृति और उपासना पद्धति को बचा रहे हैं। आज भी राजस्थान की मूल भावना के हिसाब से ही पर्व मनाए जाते हैं। 

प्रतिभाओं का सम्मान 

समाज में आयोजन धर्मिता बनाए रखने और प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो विद्यार्थी शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धि हासिल कर रहे हैं, उन्हें प्रोत्साहित करने सम्मान किया जाता है। उनके माता-पिता को भी सम्मानित किया जाता है, जो बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में ऊंचाइयां छूने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसके साथ ही समाज की प्रतिभा और विशिष्टजनों के प्रति आभार व्यक्त करने उनका भी सम्मान किया जाता है। 

खुशहाली के लिए यात्रा 

समाज निर्धन, असहाय एवं गरीबी परिवारों को भी सहायता भी करता है। हर वर्ष 29 दिसम्बर को समाज के लोग श्री रामदेवरा रूणिचा की यात्रा पर जाते हैं, जिसका उद्देश्य देश-प्रदेश की खुशहाली की कामना करना होता है। समाज की गतिविधियों का संचालन करने वालों का कहना है कि इस बात की खुशी है, सालों पहले अपनी संस्कृति, तीज त्योहारों को सैकड़ों मील दूर छोड़कर आने के बाद भी हम अपनी जड़ों से जुड़े रहने में कामयाब हैं। संगठनात्मक प्रयासों से ही मजबूती बनी हुई है। 

सरोकार 
जीनगर समाज समिति।

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